प्रजातियों का विलोपन
यह अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी ग्रह पर रहने वाली सभी जीव जातियों में से 99.9ः से अधिक आज विलुप्त हो चुकी हैं। चूंकि प्रजातियों का विलोपन एक सतत्प्र क्रिया है और जीव विकास के दौरान किसी विशिष्ट जीव प्रजाति
के निर्माण (स्पेसिएशन) के मामले में, जीव प्रजाति विलोपन की कुछ घटनाएं वास्तव में उल्लेखनीय होती हैं और ये घटनाएं वैश्विक स्तर पर हुई हैं। इनके परिणामस्वरूप वैश्विक जैवविविधता और प्रजातियों की बड़ी संख्या में पर्याप्त गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक स्तर पर होने वाली इन असाधारण विलोपन की घटनाओं को सामूहिक या
व्यापक विलोपन घटना कहा जाता है। अभी तक हमारी पृथ्वी पर ऐसी कम से कम पाँच सामूहिक विलोपन की घटनाएँ हुई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान समय में पृथ्वी ग्रह एक प्रमुख छठे सामूहिक विलोपन के दौर से गुजर रहा है, और इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से मानवीय गतिविधियां हैं।
यह अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी ग्रह पर रहने वाली सभी जीव जातियों में से 99.9ः से अधिक आज विलुप्त हो चुकी हैं। चूंकि प्रजातियों का विलोपन एक सतत्प्र क्रिया है और जीव विकास के दौरान किसी विशिष्ट जीव प्रजाति
के निर्माण (स्पेसिएशन) के मामले में, जीव प्रजाति विलोपन की कुछ घटनाएं वास्तव में उल्लेखनीय होती हैं और ये घटनाएं वैश्विक स्तर पर हुई हैं। इनके परिणामस्वरूप वैश्विक जैवविविधता और प्रजातियों की बड़ी संख्या में पर्याप्त गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक स्तर पर होने वाली इन असाधारण विलोपन की घटनाओं को सामूहिक या
व्यापक विलोपन घटना कहा जाता है। अभी तक हमारी पृथ्वी पर ऐसी कम से कम पाँच सामूहिक विलोपन की घटनाएँ हुई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान समय में पृथ्वी ग्रह एक प्रमुख छठे सामूहिक विलोपन के दौर से गुजर रहा है, और इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से मानवीय गतिविधियां हैं।
No comments:
Post a Comment