हरियाणा राज्य में आखिरी बार Assistant Professor की भर्ती 2019 में की गयी थी साथ ही कुछ Subjects ऐसे भी है जिनकी vacancy 2016 के बाद से ही नही आयी है। अभी सरकार द्वारा High Court में पेश हलफनामे में बताया गया है कि राज्य में सहायक प्रोफेसर (Assistant professor) के कुल 8137 पद(vacancy)स्वीकृत है जिसमें से 4738 पद रिक्त है यानि की 60% vacancy रिक्त है। निदेशक उच्चतर शिक्षा (Directorate of Higher Education) ने 1535 रिक्त पदों को भरने के लिए 2 सितंबर 2022 को आग्रह पत्र (Requisition Letter) HPSC को भेजा परंतु UGC की गाइडलाइंस को अपनाने के लिए कुछ संशोधन किए गये और 22 दिसंबर को D.H.E. ने HPSC को सूचित किया कि 1535 रिक्त पदों पर भर्ती को होल्ड पर रखा जाए।यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार नियमों में संशोधन (amendment) की प्रक्रिया अब तक भी चल रही है। विभाग ने नियमों मे संशोधन करके करीब 3700 रिक्त पदों पर भर्ती करने की मंजूरी लेने के लिए फाईल हरियाणा कैबिनेट मंत्रिमंडल में 11 अक्तूबर को रखी but कैबिनेट मंत्रिमंडल ने उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से संशोधित नियमों के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।इसके बाद सरकार पक्की भर्ती करने से बचने लिए एक policy पर काम कर रही जिसके तहत समूचे प्रदेश के Aided College से स्टाफ Govt. College में
Merge कर दिया जायेगा ।इस प्रदेश में 97 Aided संस्थाएं है इन Aided Colleges में Teaching Staff के 2932 और Non Teaching Staff के 1664 पद है, यहाँ 2 लाख के आसपास छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे।Aided College के स्टाफ की तनख्वाह का 95% सरकार की तरफ से दिया जाता है ताकि विधार्थी सस्ती व अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सकें। इन Colleges में छात्रों की संख्या को ध्यान में रखकर सरकार को चाहिए तो था कि यहां और स्टाफ भर्ती किया जाए मगर सरकार कर क्या रही है कि जो मौजूदा स्टाफ यहाँ कार्यरत है उसको भी यहाँ से हटाकर Govt.college में Merge करने की फिराक में और CM ने भी इस Merge के लिए अपनी सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है। अगर सरकार की ये योजना सिरे चढ गई तो सबसे पहले तो सभी Aided College पूरी तरह Private हो जायेंगे क्योंकि सरकार ने इनको कोई अनुदान नहीं देना है । और सरकार जब इन संस्थाओं को अनुदान नहीं देगी तो ईनहोने औनी पौनी तनख्वाह पर शिक्षक रखने है और फीस में बेहताशा बढ़ोत्तरी करनी है जिसके कारण एक ओर तो शिक्षा का स्तर गिरेगा दूसरी तरफ आर्थिक रूप से कमजोर छात्र शिक्षा प्राप्त करने से ही वंचित रह जायेंगे ।इसके साथ ही साथ जब ये स्टाफ सरकारी काॅलेज में Merge हो जायेगा तो सहायक प्रोफेसरों की पक्की भर्ती की लिए बहुत कम रिक्त पद बचेंगे। परंतु सरकार यही तक नहीं रूकने वाली Merger के बाद जो भी पद रिक्त रह जायेंगे उनको H.K.R.N हरियाणा कौशल रोजगार निगम (ठेका सिस्टम) के माध्यम से भरा जाएगा जो कि NET/ PH.D होल्डर अभ्यर्थियों के साथ घिनौना मजाक होगा।
सरकार की कोई नियत नहीं है अब भर्ती करने क्योंकि सरकार का सारा फोक्स Higher Education के निजीकरण पर है। अगर सरकार की नियत होती तो D.H E. द्वारा सभी काॅलेज के प्रिसिंपल को Workload Assess करने का पत्र 3 नवंबर को लिखकर इसे 6 नवंबर को withdraw ना करती।
अगर सरकार इन दोनों योजनाओं को लागू करती है तो प्रदेश के हजारो युवा अभ्यर्थी जो सहायक प्रोफेसर भर्ती होने की उम्मीद लगाए बैठे है यह उनके साथ सरासर जुल्म,धोखा होगा। हम सरकार इस विषय पर सीधी और स्पष्ट शब्दों मे चेतावनी देते है कि सरकार की इस और शिक्षा और युवा अभ्यर्थी दोनों को तबाह करने वाली policy का पुरजोर विरोध करेंगे।
आगामी समय में प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज में मिटिंग करके सरकार कि इस Black Policy के बारे सबको अवगत करा के और सभी अभ्यर्थियों लामबंद करके पंचकूला मे बङा रोष प्रदर्शन करेंगे ।
जारीकर्ता: सहायक प्रोफेसर अभ्यर्थी यूनिय
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