बात भावनाओ या आस्था की है ही नहीं ।
====बात आस्था की होती तो, चूहे मारने वाली दवा
पर रोक होती आखिर वो गणेश जी का वाहन जो है
बात आस्था की होती तो, सांप मारने वाले जेल में होते आखिर वो भोलेनाथ का कंठहार है।
बात आस्था की होती तो, पूरे भारत में सूअर की भी गाय की
तरह पूजा होती क्योंकि वो भी तो विष्णु का अवतार है।
बात आस्था की होती तो, बन्दर प्रयोगशालाओ में न मरते।
क्योकी वो हनुमानजी के अवतार हैं ।
बात सिर्फ देश में अशांति और आपसी नफरतें फैलाकर राजनीती करने की है।
कृपया विचार अवश्य करें।
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